Berojgari Kya Hai, Ke Prakar Hindi

नमस्कार, क्या आपको पता है कि Berojgari Kya hai? अगर नही तो आज मैं इसी की जानकारी दूंगा की बेरोजगारी क्या होती है? Berojgari Kitne Prakar Ki Hoti Hai? और भी इसी तरह की बेरोजगारी के रोचक तथ्य।

वैसे आज के समय मे Berojgari एक बहुत बड़ी समस्या है और कई देश इस समस्या से लड़ रहे है। चाहे वह देश विकसित हो या विकासशील देश हो। हर कोई अपने देश मे berojgari से लड़ रहा है। हर देश यही चाहता है कि उसके सभी नागरिकों को रोज़गार मिले और हर नगरिक किसी भी देश का क्यों न हो उसे भी Rojgaar चाहिए। तो चलिए देखते है कि विकासशील और विकसित देशों में किस और कैसी Berojgari पाई जाती है।

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Berojgari Kya Hai?

सबसे पहले हमें यह जान लेना चाहिए कि हर देश की अपनी-अपनी प्रकृति होती है Berojgari तय करने की, पर Berojgari के प्रकार वही होते हैं।

Berojgari से मतलब यह है कि “जब कोई व्यक्ति कोई कार्य करना चाहता है पर उसे उसके अनुभव के अनुसार कार्य नही मिलता तो वही Berojgar कहलाता है। Bharat में इसको 15 से 65 वर्ष के व्यक्तियों को ही इसमे शामिल किया गया है।

बेरोजगारी दर = (बेरोजगार श्रमिक / कुल श्रम बल) × 100

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) किसी व्यक्ति की निम्नलिखित गतिविधि स्थितियों पर रोजगार और बेरोजगारी को परिभाषित करता है।

बेरोजगारी दर = (5 मिलियन / 100 मिलियन) x 100% = 5%

बेरोजगारी के क्या कारण है ?

बेरोजगारी विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • आर्थिक मंदी
  • तकनीकी परिवर्तन
  • वैश्वीकरण
  • भेदभाव
  • सरकारी नीतियां
  • शिक्षा और प्रशिक्षण का अभाव
  • अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन
  • जनसांख्यिकीय परिवर्तन

Berojgari Kitne Prakar Ki Hoti Hai?

बेरोजगारी के प्रकार hindi
बेरोजगारी क्या है?

विकसित देश मे दो प्रकार की Berojgari होती है 1. चक्रीय बेरोजगारी 2. प्रतिशोधात्मक बेरोजगरी होती है। वंही विकसशील देश मे दो प्रकार की बेरोजगारी होती है 1. ग्रामीण 2. शहरी।

ग्रामीण में भी दो प्रकार की बेरोजगारी होती है, a) प्रच्छन्न बेरोजगारी b) मौसमी बेरोजगारी। इसी तरह शहरी में भी दो प्रकार की बेरोजगारी होती है, a) औद्योगिक बेरोजगारी b) शिक्षित बेरोजगारी। तो बेरोजगारी के सारे प्रकार इस तहर है।

चक्रीय बेरोजगारी क्या है?

इस प्रकार की बेरोजगारी अर्थव्यवस्था पर निर्भर करती है। जब economy में विकाश अच्छा होता है तब नए-नए रोजगार के अवसर पैदा होते है और जब मंदी आती है तब उत्पादन और रोजगार दोनों में कमी आती है तो इसी को ही चक्रीय बेरोजगारी कहा जाता है।

प्रतिशोधात्मक बेरोजगारी क्या है?

जब एक व्यक्ति एक रोजगार जो कि वह पहले से कर रहा था उसको छोड़ कर दूसरे रोजगार में जब लगता है तो पुराने रोजगार छोड़ने और नए रोजगार के लगने के अन्तराल के बीच मे वह बेरोजगार होता है तो इसी को प्रतिशोधात्मक बेरोजगारी कहा जाता है।

संरचनात्मक बेरोजगारी क्या है?

इसे English में Structural Unemployment कहते है। इस प्रकार की Berojgari तब आती है जब Market में दीर्घकालिक स्थितियो मद बदलाव आता है। उदाहरण के लिए भारत मे रेडियो का उत्पादन बंद ही गया और टीवी का उत्पादन बढ़ गया।

इस नए विकास के कारण रेडियो का उत्पादन करने वाले मिस्त्री बेरोजगार हो जाएंगे और टीवी के उत्पादन के नाते नए रोजगार पैदा होंगे। इसे तकनीकी बेरोजगारी भी कहते है।

प्रच्छन्न Berojgari Kya Hai?

इसे Disguised Unemployment भी कहते है। इसमे कुछ लोगो की उत्पादकता शून्य हो जाती है, इस नाते इनको निकलने देने से भी उत्पादन में कमी नहीं आती है पर जिनको निकाला गया है वो बेरोजगार हो जाते है।

Mausmi Berojgari Kya Hai?

मैसमी बेरोजगारी तब होती है जब लोग वर्ष में कुछ समय के लिए बेरोजगार होते है। इस प्रकार के लोग साल एक कुछ दिन काम करते है तथा बाकी दिन वे लोग बेरोजगार होते है। जैसे- पर्यटन और कृषि।

ऐच्छिक बेरोजगारी क्या है?

ऐसे लोग जो आने में मुताबिक कार्य के अभाव में कोई कार्य नही करते या उन्हें मन मुताबिक राशि नही मिलती तो उस स्थिती में जो लोग बेरोजगार होते है उसे ऐच्छिक बेरोजगारी यानी Voluntary Unemployment कहते है।

तो ये थे Berojgari Ke Prakar, इससे आपको पता चल गया होगा कि बेरोजगारी कितने प्रकार की होती है और उनका मतलब क्या होता है। तब भी कुछ लोगों के मन के कुछ सवाल उठते है तो उन प्रश्नों के उत्तर भी नीचे दिए है उन्हें जरूर देखें।

बेरोजगारी कितने प्रकार की होती है, संख्या मे?

पुरी जानकारी पढ़ने के बाद आपको यह मालूम पड़ गया होगा की बेरोजगारी कुल 6 प्रकार की हो जो कि निम्न है।

  • चक्रीय बेरोजगारी
  • प्रतिशोधात्मक बेरोजगारी
  • संरचनात्मक बेरोजगारी
  • प्रच्छन्न बेरोजगारी
  • मौसमी बेरोजगारी
  • ऐच्छिक बेरोजगारी

भारत मे किस प्रकार कि बेरोजगारी है?

इतनी जानकारी से हम यह समझ सकते है कि भारत मे प्रच्छन्न और संरचनात्मक बेरोजगारी पायी जाती है।

अब मुझे लगता है कि आपको आप बेरोजगारी में बारे में काफी जानकारी प्राप्त हो गई है। अगर आपको बेरोजगारी संबंधि कोई प्रश्न पूछना है तो नीचे comment जरूर करें।

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