नमस्कार, इस पोस्ट मे आपको Janam Kundli Kaise Dekhe देखे तथा कुण्डली कैसे बनाये मोबाइल मे तथा कम्पूटर आदि मे। इसकी पूरी जानकारी आपको इस पोस्ट मे मिलेगी।
हिंदू धर्म मे कुण्डली का बहुत महत्व होता है। जो भी बच्चा पैदा होता है तो उसकी कुण्डली बनवा ली जाती है क्योंकी हिंदू धर्म मे ग्रहो की बहुत मान्यता है। और ग्रहो पर ही हर किसी की kundali बनती है।
हिंदू धर्म मे यह माना जाता है कि हर किसी का भाग्य पहले से ही लिखा होता है और वह भाग्य उसकी कुण्डली मे होता है। इसलिए हर कोई अपनी तथा अपने बच्चे के पैदा होते ही कुण्डली बनवाता है। तो चलिए जानते है कि कुंडली कैसे बनती है?
Kundali Kya Hai Hindi Me
Janam Kundali एक प्रकार का ज्योतिषी चार्ट है। इसमे बच्चे के पैदा होने के बाद ग्रहो तथा संकेतो को मिला कर एक 12 घरों मे विभाजित कुंडली बनाई जाती है।
जिस चार्ट मे पहला घर अग्रवर्ती होता है और बाकी घर घड़ी की विपरीत दिशा मे चलते है। ये 12 घर ही व्य्कितकी भविष्य की स्थिति और ज्योतिषी संबंधी जानकारी को देते है।
ये 12 घर जो जन्म कुंडली मे होते है ये जीवन के 12 संभावनाओं को प्रदर्शित करते हैं जिसमे आपको प्यार, रिश्ता, पैसा, कैरियर, सुख, दुःख आदि होता है।
किसी व्यक्ति या बच्चे के भविष्यका अनुमान भी कुण्डली देख कर ही लगाया जाया है। इसे आप ये कह सकते है की Kundali ही हमारे भाग्य तथा भविष्य की रूप रेखा है। kundli meaning in english मे Horoscope है।
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Janam Kundli Kaise Dekhe
यहाँ पहले मेरा यह सुझाव रहेगा कि आप अपनी या किसी भी अन्य की कुंडली पहले की अच्छे ज्योतीषि को ही दिखाईये। क्योंकि जितना ज्ञान उनको होता है कुण्डली देखने के बारे मे शायद ही किसी अन्य व्यक्ति हो उतना हो। बाकी मै यहाँ आपको तो बताऊंगा कि आप कैसा देख सकते है कुंडली को।
जब कोई व्यक्ति जन्म लेता है तब उस समय ग्रहों और नक्षत्रों को देखते हुए Kundali Banai जाती है। उसके निर्माण मे, कुण्डली मे 12 घरों को बनाया जाता है। इन 12 घरों मे 12 राशियों का प्रयोग किया जाता है, क्योकि हर राशि का अपना भाव होता है।
इन भावों के आधार पर ही व्यक्ति के भूत, वर्तमान, भविष्य के बारे मे एक आभासी जानकारी प्राप्त होती है। कुंडली मे सूर्य, चंद्रमा, मंगल जैसे अन्य ग्रहों तथा उपग्रहों को भी जोड़ा जाता है। इन सबको मिला कर ही कुंडली बनती है।
कुंडली को पढ़ने के लिए आपको kundali के राशियों का ज्ञान रहना जरूरी है क्योंकि वे कुंडली मे किसी अन्य रूप मे लिखे होते है जिसे मै आगे बाताऊंगा।
उससे पहले आप जिस बच्चे का भी या किसी अन्य का कुंडली बनवाना है तो उसे जन्म का समय, दिन, दिनांक कि पूरी जानकरी होनी चाहिए, क्योंकि तभी Kundali बनती है, और तबी आप Janam Kundli Kaise Dekhe की समस्या आधी हल हो जायेगी।
कुंडली मे राशियों की पहचान
किसी कुंडली की राशियों को देखने के लिए आपको प्रत्येक राशि के नाम अक्षर के बारे मे मालूम होना चाहिए तभी आप उसमे जान सकते है कि कौन-सी राशि किस घर मे है।
- कुम्भ राशि (नाम अक्षर: गु,गे,गो,सा,सी,सु,से,सो,दा)
- वृषभ राशि (नाम अक्षर: ई,उ,ए,ओ,वा,वी,वू,वे,वो)
- मिथुन राशि (नाम अक्षर: क,की,कु,घ,ड,छ,के,को,ह
- कर्क राशि (नाम अक्षर: हि,हु,हे,हो,डा,डी,डू,डे,डो)
- सिंह राशि (नाम अक्षर: मा,मी,मू,में,मो,टा,टी,टू,टे)
- कन्या राशि (नाम अक्षर: टो,पा,पी,पू,ष,ण,ठ,पे,पो)
- मेष राशि (नाम अक्षर: चू,चे,चो,ला,ली,लू,ले,लो,अ)
- तुला राशि (नाम अक्षर: रा,री,रु,रे,रो,ता,ती,तू,ते)
- धनु राशि (नाम अक्षर: ये,यो,भा,भी,भू,धा,फ,ढ,भे)
- मकर राशि (नाम अक्षर: भो,ज,जा,जी,जे,जो,खा,खी,खु,खे,खो,गा,गी,ज्ञ)
- मीन राशि (नाम अक्षर: दी,दू,थ,झ,दे,दो,चा,चि)
- वृश्चिक राशि (नाम अक्षर: तो, ती, ते, शू, ढ, ढो)
कुण्डली के भाव
ये वे भाव है जो Kundli bnane के समय 12 खानों मे रखे जाते है।
- प्रथम भाव
- द्वितीय भाव
- तृ्तीय भाव
- चतुर्थ भाव
- पंचम भाव
- षष्ठ भाव
- सप्तम भाव
- अष्टम भाव
- नवम भाव
- दशम भाव
- एकादश भाव
- द्वादश भाव
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कुंडली मे आने वाले ग्रह
Kundali बनते समय खानों मे आने वाले 9 ग्रह जो कि हमारी आकाश गंगा मे पाई जाती है।
- सूर्य
- चन्द्र
- मंगल
- बुध
- बृहस्पति
- शुक्र
- शनि
- राहू
- केतु
कुंडली मे राशियों के स्वामियों के नाम
जब कुंडली बनती है तो जो राशि किसी व्यक्ति को मिलता है तो वह उस राशि के स्वामी के देखता है क्योंकि ज्योतीषि के अनुसार उसे अपने ग्रह स्वामी की ही उपासना करने की सलह दी जाती है। क्योंकि जब किसी ग्रह खुश होगा तो उसे कभी कोई परेशानी नहीं हो सकती है।
- वृश्चिक का स्वामी – मंगल ग्रह
- धनु का स्वामी – गुरु ग्रह
- कर्क का स्वामी – चन्द्रमा उपग्रह
- सिंह का स्वामी – सूर्य ग्रह
- कन्या का स्वामी – बुध ग्रह
- कुम्भ का स्वामी – शनि ग्रह
- मीन का स्वामी – गुरु ग्रह
- मकर का स्वामी – शनि ग्रह
- मेष का स्वामी – मंगल ग्रह
- तुला राशी का स्वामी – शुक्र ग्रह
- वृष का स्वामी – शुक्र ग्रह
- मिथुन का स्वामी – बुध ग्रह
इन सभी पहलू को देख कर आप जान सकते है कि कुंडली मे क्या-क्या जानकारी है। अगर यहाँ मेरी बात माने तो हमेशा अपनी कुंडली को बनवाने के बाद, किसी ज्योतीषि से जरूर दिखवाए क्योंकि जो जानकारी वे दे देंगे वह कोई अन्य कभी नहीं दे सकता है।
तो आपको Janam Kundli Kaise Dekhe की जानकारी कैसी लगी जरूर बताइयेगा। बाकी मेरा उद्देश्य यही है की आपको जितनी हो सके उतनी सही और अच्छी जानकारी दूँ।