नमस्कार आज के इस भाग मे मैं आपको Rath Yatra Kya Hai के बारे मे बताऊँगा साथ मे आप यहाँ जानेंगे की इस साल Rath Yatra Kab Hai.
भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व मे जगन्नाथ रथ यात्रा का नाम बहुत प्रसिद्ध है। यह हिन्दू धर्म का काफी बड़ा त्यौहार है मुख्य रूप से भारत के दो बड़े शहरो मे काफी उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दो शहरो के बारे मे हम आगे जानेंगे। चलिए जानते है Rath Yatra In Hindi में।
Rath Yatra Kya Hai In Hindi
यह हमारे देश मे मनाया जाने वाला एक बहुत ही प्रमुख पर्व है। रथ यात्रा को देश के प्रमुख दो शहर पुरी तथा अहमदाबाद मे मनाया जाता है। वैसे तो इसकी पूजा-अर्चना तो घरों तथा मन्दिरों मे होती है परन्तु इन दो शहरों मे जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा निकाली जाती है यह यात्रा अपने आप में काफी बड़ी रथ यात्रा होती है।
गुजरात राज्य के बहुत बड़े शहर अहमदाबाद मे तथा उड़ीसा राज्य के पुरी नामक शहर मे जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती है पर पुरी की जगन्नाथ यात्रा पूरे विश्व मे काफी प्रचलित है। इसी के साथ पश्चिम बंगाल के राजबलहट की रथ यात्रा, पश्चिम बंगाल के हुगली मे होने वाली महेश रथ यात्रा भी काफी प्रसिद्ध है।
रथ यात्रा शुरू होने की कहानी
रथ यात्रा के निकला की कहानी यह है कि उड़ीसा के एक राजा इन्द्रद्युम्न थे, जो कि सपरिवार नीलांचल सागर के पास रहते थे। इस दिन उनको नीलांचल सागर मे एक बहुत बड़ा लकड़ी का टुकड़ा मिला वह टुकड़ा बहुत ही अच्छी लकड़ी का था। उस लकड़ी को राजा ने विष्णु जी की मूर्ति बनवाने का निश्चय किया, उसी समय सागर के किनारे एक काफी वृद्ध बढ़ई आया जोकि खुद विश्वकर्मा जी थे। तो उस बढ़ई ने राजा से कहा की वह उस मूूर्ति के बनायेगा।
पर यहाँ पर उस वृद्ध बढ़ई ने एक शर्त रखी की वह जिस जगह मूर्ति बनायेगा वहाँ कोई अन्य उसके अलावा नहीं आना चाहिए। इस बात राजा इन्द्रद्युम्न मान गये और उन्हे एक कमरा दे दिया जहाँ वे मूर्ति का निर्माण करने लगे।
कुछ दिन बीत जाने के बाद राजा की पत्नी थोड़ी परेशान हुई की वह वृद्ध बढ़ई कई दिन से बिना खाये कमरे मे मूर्ति बना रहा है इस चिंता के नाते उन्होंने उस कमरे का दरवाजा खुलवाया जिससे वो उस बढ़ई को भोजन दे सकें। पर जब दरवाजा खोला गया तो वहां से वह बढ़ई गायब हो गया और जिस मूर्ति को वह बना रहा था वह अधूरी ही बनी थी।
श्री जगन्नाथ, बलराम तथा सुभद्रा जी की काष्ठ की अर्द्धनिर्मित मूर्ति देख कर राजा और रानी बहुत दुखी हुए। पर उसी समय आकाशवाणी हुई जिसमे भगवान जी ने उनसे स्वमं कहा की “दुःखी मत हो, हम इसी रूप मे इस मूर्ति मे रहना चाहते है” यह बात सुन राजा इन्द्रद्युम्न ने उस काष्ठ की मूर्ति की प्राण पतिष्ठा करवाया और उसे स्थापित कर दिया।
आज भी वह अर्द्धनिर्मित मूर्ति की प्रतिमा उस मंदिर मे रखी हुई है। सुभद्रा माता को द्वारिका भ्रमण करान की इच्छा को पूर्ण करने के लिए उन्हे, बलराम तथा श्रीकृष्ण को अलग-अलग रथ मे बैठाकर भ्रमण करवाया जाता है। इस तरह हर साल माता सुभद्रा जी की याद मे जगन्नाथ पुरी मे रथ यात्रा निकाली जाती है।
Rath Yatra Kab Hai India Me
भारत मे इस साल रथ यात्रा 23 जून मंगलवाल के दिन मनाया जायेगा। जिसका पहला उदघोष आपको उड़ीसा मे देखने को मिलेगा। कोरोना के चलते अबकी बार ज्यादा भीड़ नहीं रहेगी पर इसको टी.वी. पर भी देखना काफी मनोरम होगा।
अगर कोई प्रशन है कि रथ यात्रा हर साल कब मनाया जाता है? तो इसका उत्तर है कि हिन्दु पंचाग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि रथयात्रा का आयोजन पुरे भारत मे होता है जिसमे पुरी तथा अहमदाबाद मे विशेष आयोजन होता है। जिसमे मेला और रथ यात्रा शामिल होती है।
रथ यात्रा का महत्व हिंदी मे
भारत मे रथा यात्रा का महत्व बहुत बड़ा है, जगन्नाथ भगवान जो श्री कृष्ण के अवतार है, अगर कोई उनकी रथयात्रा मे शामिल होता है तो वह सौ महा यज्ञों के बराबर माना जाता है। इस रथयात्रा मे देश के ही नहीं अपितु बाहर के देश के भी श्रद्धालु इसमे शामिल होते है।
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा मे उनका रथ खीचना ही अपने आप मे पुण्य का काम है क्योंकि वह मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है। रथयात्रा के समय जितना जनसैलाब पुरी उड़ीसा मे होता है उतना शायद ही कहीं होता हो।
आपको Rath Yatra In Hindi मे कैसा लगा जरूर बताइये गा तथा Rath Yatra Kab Hai की जानकारी मैने आपको ऊपर दी है तो उसे जरूर देखें। अगर आपके मन मे कोई प्रश्न हो तो उसे जरूर पूछें।
Source- Wikipedia
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