हिंदी व्याकरण के इस पोस्ट मे आपको Kriya Visheshan In Hindi के बारे मे बताया गया है तथा साथ मे क्रिया विशेषण के भेद, क्रिया विशेषण की परीभाषा आदि सबकुछ के बारे मे इस पोस्ट मे बताया गया है।
इस पोस्ट मे आपको Kriya Visheshan PDF भी दी गई है, जिसका प्रयोग आप आगे की पढ़ाई के लिए पढ़ने के लिए कर सकते है। तो इसकी PDF जरूर download करें। तो चलिए जानते है क्रिया विशेषण के बारे मे।
Kriya Visheshan In Hindi
क्रिया विशेषण की परीभाषा- जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन शब्दों को ही क्रिया विशेषण कहते है, क्रिया विशेषण को अंग्रेजी मे Adverb कहते है। क्रिया विशेषण शब्द को अविकारी विशेषण भी कहते है जैसे-
- तेज चलो।
इस वाक्य मे तेज शब्द चलों की विशेषता बताने का कार्य कर रहा है। अतः यहाँ तेज शब्द क्रिया विशेषण है।
क्रिया विशेषण के भेद- Kriya Visheshan Ke Bhed
अर्थ की दृष्टि से क्रिया विशेषण के कुल चार भेद होते है-
- स्थानवाचक
- कालवाचक
- परिमाणवाचक
- रीतिवाचक
स्थानवाचक क्रियाविशेषण
जिन शब्दों से क्रिया में स्थान या फिर उसके जगह से सम्बन्धी विशेषता प्रकट होती है, उन्हें ही स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते है। जैसे- वहाँ, जहाँ, यहाँ, तहाँ, कहाँ, वहीं, हर जगह, सर्वत्र, बाहर-भीतर, आगे-पीछे, ऊपर-नीचे, कहीं-कहीं, अन्यत्र इत्यादि।
यहाँ ध्यान रहे स्थानवाचक क्रिया विशेषण से कहाँ का उत्तर मिलता है। स्थान वाचक के कुल दो भेद होते है-
- स्थितिवाचक- यहाँ, भीतर, वहाँ, बारह इत्यादि।
- दिशावाचक- उधर, इधर, बाएँ, दाएँ इत्यादि।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण उदाहरण
- तुम अपने दाहिने ओर गिर जाओ।
- हम छत पर सोते हैं।
- जाओ अन्दर जाकर बैठो।
- मैं बाहर खेलता हूँ।
- सीमा मुझसे बहुत दूर बैठी है।
- रमेश मैदान में खेल रहा है।
कालवाचक Kriya Visheshan In Hindi
जिन शब्दों से क्रिया में समय सम्बन्धी विशेषता को प्रकट की जाती हो, उन्हें ही कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे- तब, जब, आज, कल, अब, कब, परसों, अभी-अभी, कभी-कभी, कभी न कभी, सदा, सर्वदा, ज्यों ही, त्यों ही, एक बार, पहली बार, आजकल, रातभर, घड़ी-घड़ी, रातभर, क्षणभर, कितनी देर में, जल्दी, बार-बार इत्यादि।
काल वाचक क्रिया विशेषण से कब का उत्तर मिलता है। यहाँ कालवाचक के कुल तीन उपभेद होते है-
- समयवाचक- आज, अभी, तुरन्त, परसों, कल इत्यादि।
- बारम्बारतावचक- कई बार, हर बार, प्रतिदिन इत्यादि।
- अवधिवाचक- रातभर, अभी-अभी, दिनभर, आजकल, नित्य इत्यादि।
कालवाचक क्रिया विशेषण उदाहरण
- वह शाम को खेलता है।
- रामू कल मेरे घर आया था।
- वह दोपहर में स्कूल से लौटता है।
- वे अक्सर शाम को खेलने जाते हैं
- मैंने सुबह खाना खाया था।
- परसों बरसात होगी।
- वह सुबह जल्दी उठता है।
परिमाणवाचक Kriya Visheshan
जिन शब्दों से क्रिया के परिमाण सम्बन्धी यानी नाप-तौल आदि की विशेषता प्रकट होती है, उसे ही परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे- उतना, कितना, जितना, इतना, बारी-बारी, क्रमशः, अधिक, पर्याप्त, काफी, पूर्णतया, जहाँ तक, बिल्कुल, कुछ, लगभग, जरा, बस इत्यादि।
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण से कब से उत्तर मिलता है। परिमाणवाचक के पाँच भेद माने गये हैं।
- न्यूनताबोधक- थोड़ा, ज़रा, किंचित, कुछ इत्यादि।
- तुलनाबोधक- अधिक, कम, उतना, इतना इत्यादि।
- अधिकताबोधक- खूब, अत्यन्त, बहुत, अति इत्यादि।
- पर्याप्तिबोधक- यथेष्ट, काफ़ी, बस, ठीक इत्यादि।
- श्रेणीबोधक- तिल-तिल, थोड़ा-थोड़ा, बारी-बारी इत्यादि।
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण उदाहरण
- आदित्य बहुत ज्यादा दौड़ता है।
- शुभम अधिक खाना खाता है।
- राहुल थोड़ा अधिक खाओ।
- आनंद उसके दोस्त से ज्यादा पढता है।
- अभी तक तुमने पर्याप्त नींद नहीं ली।
रीतिवाचक Kriya Visheshan
जिन शब्दों से क्रिया की रीति सम्बन्ध आदि की विशेषता प्रकट होती है, उसे रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं। रीतिवाचक क्रिया विशेषण की संख्या काफी ज्यादा होती है। इस क्रिया विशेषण से कैसे का उत्तर मिलता है।
रीतिवाचक को निम्भ प्रकार के भागों मे बाँटा गया है-
- निश्चयबोधक- निःसंदेह, बेशक, अवश्य, सही, सचमुच, जरूर, अलबत्ता, दरअसल, वस्तुतः, यथार्थ इत्यादि।
- प्रकारबोधक- ऐसे, अचानक, धीरे-धीरे, वैसे, कैले, मानो, स्वयं, परस्पर, यथाशक्ति, फटाफट, झटपट, आप ही आप इत्यादि।
- अनिश्चयबोधक- शायद, कदाचित्, सम्भव है, प्रायः, हो सकता है इत्यादि।
- अवधारणबोधक- भी, मात्र, ही, तो, तक, भर इत्यादि।
- स्वीकारबोधक- ठीक, सच, हाँ, हाँ जी इत्यादि।
- निषेधबोधक- न, नहीं, झूठ, गलत, मत इत्यादि।
- कारणबोधक- क्यों, काहे को, इसलिए इत्यादि।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण उदाहरण
- राजीव गलत चाल चलता है।
- आदित्य हमेशा सच बोलता है।
- शिवम ध्यान से चलता है।
- वह फटाफट खाता है।
- राज अच्छी तरह काम करता है।
- अमित ध्यान पूर्वक पढ़ाई करता है।
- शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
रचना की दृष्टि से क्रिया विशेषण के भेद
रूप व रचना की दृष्टि से क्रिया विशेषण के कुल दो भेद होते है-
- मूल क्रिया विशेषण
- यौगिक क्रिया विशेषण
मूल क्रिया विशेषण- Mool Kriya Visheshan
जो शब्द यानी क्रिया विशेषण किसी दूसरे शब्द से न बनें हो, बल्कि स्वतन्त्र रूप वाले होते है। उसे ही मूल क्रिया विशेषण कहते है। जैसे- फिर, ठीक, दूर, नहीं, बस, इधर इत्यादि।
यौगिक क्रिया विशेषण
जो शब्द क्रिया विशेषण किसी दूसरे शब्द की सहायता से बनते है, उसे ही योगिक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे- यहाँ तक, हर बार, यहाँ पर, मन से इत्यादि। यौगिक क्रिया विशेषण कुल तीन प्रकार से बनते है।
- शब्दों की द्विरुक्ति से- अभी-अभी, पल-पल इत्यादि।
- शब्द भेदों में प्रत्यय या शब्दांश जोड़कर- नियम, रातभर इत्यादि।
- भिन्न-भिन्न शब्दों के मेल से – सुबह-शाम, घर-बाहर इत्यादि।
Kriya Visheshan Examples In Hindi
- वह फटाफट खाता है।
- राज अच्छी तरह काम करता है।
- अमित ध्यान पूर्वक पढ़ाई करता है।
- शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
- राजीव गलत चाल चलता है।
- आदित्य हमेशा सच बोलता है।
- शिवम ध्यान से चलता है।
- रामू कल मेरे घर आया था।
- वह दोपहर में स्कूल से लौटता है।
- वे अक्सर शाम को खेलने जाते हैं
- मैंने सुबह खाना खाया था।
- परसों बरसात होगी।
- वह सुबह जल्दी उठता है।
- आदित्य बहुत ज्यादा दौड़ता है।
- शुभम अधिक खाना खाता है।
- राहुल थोड़ा अधिक खाओ।
- हम छत पर सोते हैं।
- जाओ अन्दर जाकर बैठो।
- मैं बाहर खेलता हूँ।
- सीमा मुझसे बहुत दूर बैठी है।
- रमेश मैदान में खेल रहा है।
- आनंद उसके दोस्त से ज्यादा पढता है।
- अभी तक तुमने पर्याप्त नींद नहीं ली।
Kriya Visheshan In Hindi PDF Download
इसे भी देखें-
Kriya Visheshan FAQ
Kriya visheshan ke bhed Kitne Hote Hain?
क्रिया विशेषण के कुल चार भेद होते है-
स्थानवाचक
कालवाचक
परिमाणवाचक
रीतिवाचक
Kriya visheshan kise kahate hain?
जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन शब्दों को ही क्रिया विशेषण कहते है, क्रिया विशेषण को अंग्रेजी मे Adverb कहते है। क्रिया विशेषण शब्द को अविकारी विशेषण भी कहते है।
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